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निर्वाण षटकम का अर्थ निम्नलिखित है (श्लोकों के साथ):
१. मनोबुद्ध्यहंकारचित्तानिनाहं नच श्रोत्रजिक्वे न च घ्राणनेत्रे।
न च व्योमभूमिर्न तेजो न वायुः, चिदानन्दरूपः शिवोऽहम् शिवोऽहम्॥
अर्थात्, मैं मन, बुद्धि, अहंकार और चित्त नहीं हूं। मैं न तो कान हूं, न जीभ, न नाक, न आंख। मैं आकाश, पृथ्वी, अग्नि और वायु नहीं हूं। मैं शिव हूं, मैं चिदानंदरूप शिव हूं।
२. न मे द्वेषरागौ न मे लोभमोहौ मदो नैव मे नैव मात्सर्यभावः।
न धर्मो न चार्थो न कामो न मोक्षः, चिदानन्दरूपः शिवोऽहम् शिवोऽहम्॥
मेरे पास ना तो द्वेष और राग है, न ही लोभ और मोह। मेरे पास ना मद है और ना ही मत्सर भाव। मेरे पास ना धर्म